दुर्गा पूजा 2024 में 10 अक्टूबर से शुरू होकर 14 अक्टूबर तक मनाई जाएगी। यह त्योहार विशेष रूप से पश्चिम बंगाल, असम, ओडिशा और देश के अन्य हिस्सों में धूमधाम से मनाया जाता है। दुर्गा पूजा देवी दुर्गा की आराधना का पर्व है, जिसमें उनके नौ रूपों की पूजा की जाती है। पंडालों में देवी दुर्गा की भव्य मूर्तियाँ स्थापित की जाती हैं, और पूरे पांच दिन तक लोग पूजा-अर्चना, सांस्कृतिक कार्यक्रम और मेलों का आनंद लेते हैं। इस पर्व का मुख्य उद्देश्य बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, जो हमें जीवन में सकारात्मकता और साहस के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है तो आप जान चुके हैं durga puja kab hai और इसके बारे में विस्तार से जानें
durga puja kab hai दुर्गा पूजा 2024: महापर्व की तारीख और महत्व
दुर्गा पूजा 2024 में 10 अक्टूबर से शुरू होकर 14 अक्टूबर तक मनाई जाएगी। यह महापर्व देवी दुर्गा की आराधना और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। विशेष रूप से पश्चिम बंगाल, असम, ओडिशा और पूर्वोत्तर भारत के अन्य हिस्सों में इस पर्व को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। दुर्गा पूजा सिर्फ धार्मिक उत्सव नहीं है, बल्कि यह कला, संस्कृति और परंपरा का संगम है।
पंडालों में देवी दुर्गा की भव्य मूर्तियाँ स्थापित की जाती हैं, जिन्हें देखने लोग दूर-दूर से आते हैं। पाँच दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। पूजा के दौरान लोग अपने घरों और पंडालों में देवी की आराधना करते हैं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
इस पर्व का धार्मिक और सांस्कृतिक दोनों ही दृष्टियों से बड़ा महत्व है। देवी दुर्गा को शक्ति का प्रतीक माना जाता है, जो हमें जीवन की कठिनाइयों का सामना करने और साहस के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं। दुर्गा पूजा का यह उत्सव हर किसी के जीवन में ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार करता है।
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दुर्गा पूजा 2024 में 10 अक्टूबर से शुरू होगी और 14 अक्टूबर को समाप्त होगी। यह महापर्व खासकर पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम और देश के कई अन्य हिस्सों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। दुर्गा पूजा के दौरान देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है, जो शक्ति, साहस और विजय का प्रतीक हैं। पंडालों में देवी की भव्य मूर्तियाँ स्थापित की जाती हैं, और पांच दिनों तक पूजा-अर्चना के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। इस पर्व का मुख्य संदेश बुराई पर अच्छाई की जीत और जीवन में सकारात्मकता बनाए रखना है।
Story of Durga Puja
दुर्गा पूजा की कहानी: बुराई पर अच्छाई की विजय
दुर्गा पूजा की कहानी हमें बुराई पर अच्छाई की विजय का संदेश देती है। यह उत्सव देवी दुर्गा के असुर महिषासुर पर विजय की कथा से जुड़ा है। मान्यता के अनुसार, महिषासुर नाम का एक राक्षस अपनी शक्ति के कारण तीनों लोकों में आतंक फैलाने लगा था। देवता उसकी शक्ति से भयभीत हो गए और तब उन्होंने भगवान शिव, विष्णु और ब्रह्मा से सहायता मांगी। इन तीनों देवताओं की ऊर्जा से देवी दुर्गा का अवतार हुआ, जिन्हें महाशक्ति के रूप में पूजा जाता है।
देवी दुर्गा ने नौ दिनों तक महिषासुर से युद्ध किया और अंततः दशवें दिन उसे पराजित कर दिया। इसी विजय की याद में हर साल दुर्गा पूजा का आयोजन होता है। इस पर्व के दौरान पंडालों में देवी दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जाती है, और भक्तगण पूरे विधि-विधान से उनकी पूजा करते हैं। यह त्योहार हमें सिखाता है कि चाहे बुराई कितनी भी शक्तिशाली हो, अंत में जीत हमेशा सत्य और धर्म की होती है।